बुधवार, 13 जनवरी 2016

अंखियों में आ जा निंदिया - अलका सिन्हा

हो के चांदनी पे तू सवार
अंखियों में आ जा निंदिया...
खूब पढ़ेगी, खूब बढ़ेगी
जैसे कोई चढ़ती बेल,
हर मुश्किल से टकराएगी
जीतेगी जीवन का खेल।
तू पा लेगी वो ऊंचाई
हैरत से देखे दुनिया
अंखियों में आ जा निंदिया...
धीरे-धीरे झूला झूले
जा पहुंचेगी अम्बर पार,
उड़ने वाला घोड़ा लेक
आएगा एक राजकुमार।
डोली ले जाएगा एक दिन
सजकर बैठी है गुड़िया।
अंखियों में आ जा निंदिया...

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