मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

ओम जय जगदीश हरे - श्रद्धा राम फिल्‍लौरी


ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे, ॐ जय जगदीश हरे..

जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का, स्वामी दुख बिनसे मन का
सुख सम्मति घर आवे, सुख सम्मति घर आवे, कष्ट मिटे तन का
ॐ जय जगदीश हरे..

मात-पिता तुम मेरे शरण गहूं मैं किसकी, स्वामी शरण गहूं मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा, प्रभु बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी
ॐ जय जगदीश हरे..

तुम पूरण परमात्मा तुम अंतरयामी, स्वामी तुम अंतरयामी
पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी
ॐ जय जगदीश हरे..

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता, स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख खल कामी, मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता
ॐ जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति
किस विध मिलूं दयामय, किस विध मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति
ॐ जय जगदीश हरे..

दीनबंधु दुखहर्ता ठाकुर तुम मेरे, स्वामी तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ, अपनी शरण लगाओ, द्वार पड़ा तेरे
ॐ जय जगदीश हरे..

विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा, स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा
ॐ जय जगदीश हरे..

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