रविवार, 25 अक्तूबर 2015

सावन का महीना, पवन करे सोर - आनंद बख़्शी

सावन का महीना, पवन करे सोर
पवन करे शोर
पवन करे सोर
पवन करे शोर
अरे बाबा शोर नहीं सोर, सोर, सोर
पवन करे सोर

हाँ, जियरा रे झूमे ऐसे, जैसे बनमा नाचे मोर
हो सावन का महीना ...

मौजवा करे क्या जाने, हमको इशारा
जाना कहाँ है पूछे, नदिया की धारा
मरज़ी है तुम्हारी, ले जाओ जिस ओर
जियरा रे झूमे ऐसे ...

रामा गजब ढाए, ये पुरवइया
नइया सम्भालो कित, खोए हो खिवइया
पुरवइया के आगे, चले ना कोई ज़ोर
जियरा रे झूमे ऐसे ...

जिनके बलम बैरी, गए हैं बिदेसवा
लाई है जैसे उनके, प्यार का सँदेसवा
काली अंधियारी, घटाएँ घनघोर
जियरा रे झूमे ऐसे ..

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